नमक की ‘चमक’ से चकाचौंध न हों

नमक की ‘चमक’ से चकाचौंध न हों

मीठे व्‍यंजनों को छोड़ दें तो हर तरह के व्‍यंजन में नमक का होना अनिवार्य होता है। यह भोजन को स्‍वाद देता है और संरक्षक का कम भी करता है। भले की गरम हो या तीखा, उत्‍तर भारत हो या दक्षिण भारत का व्‍यंजन, किसी भी खाने में नमक के बिना स्‍वाद नहीं आता।

सोडियम और क्‍लोरीन मिलकर सोडियम क्‍लो‍राइड बनाते हैं जिसे हम टेबल साल्‍ट के नाम से जानते हैं। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का मानना है कि हमारी रोजमर्रा की सोडियम खपत 2300 मिलीग्राम प्रतिदिन तथा अति संवेदनशील लोगों के 1500 मिलग्राम प्रतिदिन से अधिक नहीं होनी चाहिए। हम अपने भोजन से नमक की इतनी मात्रा आसानी से ले सकते हैं। दरअसल, हम अकसर पैकेटबंद भोजन के कारण अपनी जरूश्रत से कहीं अधिक नमक ले लेते हैं।

बाजार में तीन तरह का नमक मिलता है-

सेंधा नमक : रॉक साल्‍ट कहा जाने वाला यह नमक दरअसल समुद्री पानी से ही बनता है मगर इसमें प्रोसेसिंग नाम मात्र की होती है जिससे नमक के पोषक तत्‍व बने रहते हैं।

काला नमक : यह सोडियम क्‍लोराइड का मिनरल यानी खनि‍ज वाला रूप है।

टेबल साल्‍ट : यह भी समुद्री पानी से ही बनता है मगर इसमें प्रोसेसिंग बहुत अधिक होती है जिसके कारण नमक के सारे पोषक तत्‍व गायब हो जाते हैं।

अगर हम सेंधा नमक की तुलना सादा नमक से करें तो यह ऐसा ही होगा मानो हम गन्‍ने की तुलना चीनी से कर रहे हैं। आपने डॉक्‍टरों व पोषण विज्ञानियों को कहते सुना होगा कि गन्‍ने का रस तो लें किंतु चीनी न लें। दरअसल गन्‍ने का रस प्रोसेस्‍ड नहीं होता और इसके पोषक तत्‍व बरकरार होते हैं; जबकि इसे चीनी बनाने के लिए प्रसंस्‍कृत किया जाता है और सारे पोषक तत्‍व खत्‍म हो जाते हैं।

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नमक सोडियम से भरपूर होता है और इसमें मैग्निशियम व पोटैशियम भी पाया जाता है। ये तीनो मिलकर शरीर में जल-तत्‍त्व का संतुलन बनाए रखते हैं। परंतु आजकल प्रोसेस्‍ड, डिब्‍बाबंद और पैकेटबंद भोजन के कारण सोडियम ग्रहण की मात्रा कई गुना हो जाती है, जिससे सोडियम, मैग्निशियम और पो‍टैशियम की मात्रा के अनुपात गड़बड़ा जाते हैं और सेहत के लिए गंभीर खतरा बन जाता है।

उत्‍तर पश्चिम स्‍पेन के ग्‍लेशिया, जापान व अमेरिका में आयोडाइज्‍ड नमक में पाए जाने वाले आयोडीन के कारण हाइपर थायरॉइडिज्‍म हो रहा है जिसमें थायरॉयड हारमोन का उत्‍पादन सामान्‍य स्‍तरों से अधिक होने लगता है। इससे वजन में कमी, थकान, हाइपर एक्टिविटी, हार्ट रेट व रक्‍तचाप में बढ़ोतरी, दिल की धड़कन में अनियमितता, बहुत अधिक पसीना आना, हाथों का कांपना, व अनिद्रा जैसी परेशानियां हो जाती हैं।

यह जानने के बाद नमक खरीदते समय सावधान होना जरूरी है। केवल शुगर, फैट या फाइबर के लेबल न देखें। नमक के पैकेट पर लेबल देखें। अगर पैक पर सोडियम क्‍लोराइड लिखा हो तो उसे वहीं रखकर आगे चल दें।

लेबल देखने के साथ-साथ नमक के पैकेट का रंग भी देखें। यह रंग ही बता देगा कि आपको इसे लेना चाहिए या नहीं लेना चाहिए। हम अकसर झक सफेद नमक लेना चाहते हैं जबकि हमें पता होना चाहिए कि अप्रसंस्‍कृत नमक में 90 से अधिक तत्‍व हो सकते हैं इसलिए वह नमक पूरी तरह सफेद नहीं होगा। जैसे सेंधा नमक में समुद्री जीवन के सूक्ष्‍म तत्‍व हो सकते हैं जो प्राकृतिक आयोडिन देते हैं। यह हल्‍का सा नम और सलेटी होता है, जिससे पता चलता है कि इसमें मिनरल की मात्रा कितनी अधिक है।

सेंधा नमक के लाभ

सेंधा नमक में सोडियम, पोटैशियम, मैग्निशियम, सिलि‍कॉन, फास्‍फोरस और कैल्सियम भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जिसके लाभ निम्‍नलिखि‍त हैं-

S – स्किन केयर, त्‍वचा की देख-रेख

E – इफेक्‍ट‍िव फॉर एकिंग फीट, पैरों में दर्द के लिए गुणकारी

A – एल्‍केलाइजिंग, एल्‍केलाइनयुक्‍त

S – स्‍ट्रॉन्‍ग इम्‍यून सिस्‍टम, रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए लाभदायक

A – एड्स वेट लॉस, वजन घटाने में लाभदायक

L – लेट यू बी स्‍ट्रेस फ्री, तनाव से मुक्‍त करे

T – टोटल हेल्‍थ केयर, स्‍वास्‍थ्‍य की संपूर्ण देख रेख।

अब हम एक-एक लाभ की चर्चा करेंगे

त्‍वचा की देख रेख

मैग्निशियम से भरपूर सेंधा नमक त्‍वचा के पोर खोलकर गंदगी बाहर निकालता है। इससे रक्‍त प्रवाह में सुधार होता है और त्‍वचा को भरपूर नमी मिलती है। त्‍वचा सूखी व बेजान नहीं होती। यह सोरायसिस और एग्‍जीमा के उपचार के लिए भी लाभदायक है।

पैरों के दर्द के लिए गुणकारी

अगर आपके पैर थके हुए हों तो यह बेहतर उपाय हो सकता है। जिन लोगों के पैर चलने या व्‍यायाम करने से सूज जाते हैं, उनहें सेंधा नमक मिश्रित गुनगुने पानी में अपने पैर रखने चाहिए। इससे पैरों को आराम मिलेगा और थकान व दर्द दूर होगा।

क्षार (एल्‍केलाइन) युक्‍त

सोडियम, पो‍टैशियम व अन्‍य खनिज लवणों से भरपूर सेंधा नमक शरीर में क्षार का स्‍तर बनाए रखने में मदद करता है।

रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए लाभदायक

सेंधा नमक शरीर को क्षार युक्‍त बनाए रखने में मदद करता है जिससे बैक्‍टीरिया और वायरस का हमला नहीं हो पात। इस तरह रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूती मिलती है।

वजन घटाने में सहायक

सैचुरेटेड फैट, शुगर व अतिरिक्‍त प्रोटीन के कारण हमारा पाचन तंत्र शिथिल हो जाता है और भोजन आंतों से चिपकने लगता है। सेंधा नमक शरीर के विषैले तत्‍वों को बाहर निकालकर पाचन तंत्र व मेटाबॉलिज्‍म को सुचारू बनाता है और वजन घटाने में सहायक होता है।

तनाव से मुक्ति

शोध से पता चला है कि सेंधा नमक सेरोटोनिन व मेलाटोनिन के उत्‍पादन में सहायक होता है, जिन्‍हें फील गुड हार्मोन तथा रिलेक्स‍िंग हार्मोन भी कहते हैं। यह आपके मन को शांत रखता है और नींद भी भरपूर मिलती है।

स्‍वास्‍थ्‍य की संपूर्ण देख रेख

अगर आप सेंधा नमक के गुणों को एक साथ देखें तो अंदाजा लगा सकते हैं कि यह शरीर को रोगों से किस तरह मुक्‍त रखता है। यह आपके कॉलेस्‍ट्राल के उचित स्‍तर को बनाए रखता है, रक्‍तचाप को सामान्‍य रखता है, ब्‍लड शुगर को नि‍यमित करता है और श्‍वसन मार्ग की सूजन भी घटाता है। इस तरह दमे के रोगियों को सांस लेने में आसानी होती है।

(शिल्‍पा शेट्टी कुंद्रा और ल्‍यूक कुटिन्‍हों की प्रसिद्ध किताब द ग्रेट इंडियन डाइट से साभार। ये किताब प्रभात प्रकाशन ने प्रकाशित की है।)

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